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Moral stories 2022: 10+ नया बेहतरीन नैतिक की कहानी हिंदी में

जैसा कि सभी लोगों को अपने बचपन में कोई ना कोई ज्ञानवर्धक कहानियां सुनने को जरूर मिलती है, और इन कहानियों को ज्यादातर आप अपने बड़े बुजुर्ग के मुंह से सुनते होंगे तो ऐसे में अगर आप आज भी मोरल कहानियों को पढ़ने में रुचि रखते हैं तो आपके लिए यह पोस्ट बहुत सहायक हो सकता है क्योंकि आज हम भी इस पोस्ट में कुछ ऐसे मोरल कहानियाँ साँझा करने वाले हैं जिसे पढ़कर आपको बहुत कुछ सीखने को मिलने वाला है तो अगर आपको भी short moral stories in hindi मे पढ़ना है तो आप इस पोस्ट को कंटिन्यू कर सकते हैं और यहां उपलब्ध बेहतरीन मोरल कहानियों को पढ़ सकते हैं।

short moral stories in hindi

वैसे खासतौर पर मोरल कहानियों को बच्चों को पढ़ने में ज्यादा मजा आता है और खास करके बचपन में ही आपको ऐसे कहानियां सुनने को मिलती है क्योंकि ऐसी कहानियों को सुनने से बच्चों को बहुत ऊर्जा और ज्ञानवर्धक चीजें मिलती है, और साथ में उन्हें बहुत से प्रेरणा भी मिलती हैं। तो चलिए जानते हैं कुछ बेहतरीन Top 10 moral stories in hindi के बारे मे।

वैसे अगर आप बच्चे की कैटेगरी में नहीं आते हैं तभी आप इन मोरल कहानियों को पढ़ सकते हैं और अपने यहां रह रहे छोटे बच्चों को इन मोरल कहानियाँ सुना सकते हैं, और उन्हें तीन कहानियों की मदद से कई ज्ञानवर्धक बातें भी बता सकते हैं।

New Moral stories in hindi 2022

  • गरीब भाई और अमीर भाई की कहानी
  • लालची पानीपुरी वाला
  • दुकानदार की चालाकी की कहानी
  • धन और ज्ञान की अनोखी कहानी
  • गरीब का नसीब की कहानी
  • जादुई चूल्हे की कहानी
  • सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट की कहानी
  • जिंदगी में हार ना मानने की कहानी

गरीब भाई और अमीर भाई की कहानी

एक समय की बात है एक गांव में एक बहुत ही निर्धन परिवार रहता था उस परिवार में एक औरत और उसके दो बच्चे रहा करते थे, औरत के पति का देहांत किसी बीमारी के कारण अचानक हो गया था जिसके चलते उस औरत पर ही अपने दोनों बच्चे के पालन पोषण और पढ़ाई की जिम्मेवारी थी।

धीरे-धीरे समय बीतता गया, और दोनों बच्चों अब बड़े हो गए थे और अब उन्हें कॉलेज में पढ़ने की बारी आ गई थी जिसको लेकर के उनकी मां बहुत परेशान रहा करती थी। तभी दोनों भाइयों में से छोटा भाई अपने गांव के ही एक नजदीकी किसी हलवाई की दुकान में काम मांगने के लिए जाता है और वहां काम करने लगता है।

और कुछ दिनों तक काम करने के बाद जब उसे कुछ पैसा मिलता है तब वह अपने बड़े भाई को सलाह देता है कि आगे की पढ़ाई के लिए वह शहर जाए, क्योंकि उसका बड़ा भाई उससे पढ़ने में काफी तेज था जिसके चलते उसकी मां और भाई दोनों उसे आगे बढ़ाने के लिए शहर भेजना चाहते थे।

और फिर अपने बड़े भाई को पैसे देकर शहर में आगे की पढ़ाई के लिए भेज देता है। और वह पुनः अपने हलवाई के दुकान में काम करने के लिए लौट जाता है। इस तरह कुछ दिनों के बाद उसका बड़ा भाई जो शहर में पढ़ाई के लिए गया था उसका कोई बड़ी होटल और रेस्टोरेंट में बतौर मैनेजर के तौर पर काम लगता है। और यह बात वह अपने मां और छोटे भाई को बताता है और फिर सब मिलकर सलाह करते हैं कि वह उसी शहर में जाकर बस जाएंगे।

और फिर कुछ दिनों के बाद वह पूरा परिवार शहर में एक मकान लेकर बस जाता है और वही अपने जीवन यापन करने लगता है तभी एक समय उस होटल के बॉस कहते हैं कि तुम अपने परिवार से हमें नहीं मिल आओगे और फिर वह अपने परिवार और छोटे भाई से मिलाने के लिए अपने बॉस को घर पर इनवाइट करता है।
और फिर वह अपने घर चला आता है और अपने मां और छोटे भाई को यह बात बताता है कि उसका बॉस उन दोनों से मिलने के लिए कर उसके घर आ रहे हैं।

और फिर यह बात बताने के बाद वह सब मिलकर अपने घर को सजाने सजाने में लग जाते हैं उसके बाद वह अपने मां से कुछ बेहतरीन व्यंजन बनाने के लिए कहती है लेकिन उनकी मां कुछ दिनों से बीमार अरे रही थी तभी छोटा भाई कहता है कि हमने हलवाई की दुकान में कई दिनों तक काम किया है इसलिए मैं आपकी बॉस के लिए सारा व्यंजन बनाने का काम करूंगा। और उसका छोटा भाई ही उसके बॉस के लिए सारे व्यंजन पकवान बनाता है।

तभी कुछ देरी के बाद जाकर के घर का बेल बसता है और बॉस का घर में आगमन हो जाता है, और बॉस घर के सजावट और खाने की टेबल की सजावट देखकर काफी खुश होता है। और फिर साथ में मिलकर वह सब भी टेबल पर बैठकर व्यंजन पकवान का आनंद लेते हैं और बॉस को व्यंजन पकवान काफी पसंद आता है तभी वह उससे पूछते हैं कि यह सब किसने बनाया है तब उनकी मां जवाब देती है कि हम हमारे छोटे लड़के ने बनाया है। तभी बॉस यह बात सुनकर काफी खुश होता है और उनकी मां से बोलता है कि अगर आप बुरा ना माने तो मैं आपके छोटे लडके को भी अपने होटल और रेस्टोरेंट में काम पर रख लूं।

तभी उनकी माँ हामी भर्ती है और कहती है कि क्यों नहीं जरूर, और यह बात सुनते ही उसके बड़े भाई को अच्छा नहीं लगता है और वह अपने छोटे भाई को अपने ही रेस्टोरेंट और होटल में काम से निकालने के पीछे लग जाता है। और जब अगले दिन उसका छोटा भाई उस होटल में काम के लिए जाता है तभी उस होटल के बॉस उससे एक व्यंजन बनाने के लिए कहते हैं। और फिर जब वह व्यंजन बनाने के लिए उस होटल के किचन में जाता है तब वहां पहले से काम कर रहे नौकरों को उसके बड़े भाई ने कह दिया था कि जो व्यंजन वह बनायेगा उसमें कुछ केमिकल मिला देना, और ऐसा ही हुआ।

और फिर जैसे ही उसके छोटे भाई ने व्यंजन बनाना शुरू किया तो सारा व्यंजन बनने से पहले ही खराब हो गया और यह देखकर उस होटल के बॉस को बहुत गुस्सा आया और उसके छोटे भाई को डांटते हुए अपने पास बुलाया और साथ में वहां काम पहले से कर रहे नौकरों को भी बुलाया।
और फिर बॉस ने उसके छोटे भाई से पूछा कि तुम तो घर पर इतना अच्छा व्यंजन बनाते थे फिर यहां क्या हो गया तभी वहां पहले से काम कर रहे कुछ नौकरों ने बॉस को बताया कि उनके बड़े भाई ने उन्हें कुछ केमिकल में मिलाने के लिए बोला था और यह बात सुनते ही बॉस का गुस्सा आसमान छू गया और उसने उसके बड़े भाई को बुलाया और उसे नौकरी से निकालने के बोला। तभी उसके छोटे भाई ने उस बॉस के पैर पकड़ लिए और बोले कि कृपया कर आप हमारे बड़े भाई को अपने काम से नहीं निकाले। और उसका अपने भाई के प्रति अपना प्यार देते हुए बॉस मान गया और उसे नौकरी से नहीं निकाला।
और फिर उसके बाद वह दोनों भाई उसी होटल में मिलकर काम करने लगे और शहर में अपनी बुद्धि मां के साथ हंसी खुशी रहने लगे।

लालची पानीपुरी वाला (Lalchi Pani Puri wala ki short moral stories in hindi)

एक बार की बात है एक शहर में एक बहुत ही मशहूर पानी पूरी वाला था, और उसका पानी पूरी इतना स्वादिष्ट था कि उसके दुकान से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग खाकर रोज जाते थे। और उसका पानी पूरी खासतौर पर औरतों और लड़कियों के बीच बहुत ही प्रसिद्ध था कई बार तो उससे कई औरत उस के पानी पूरी के स्वादिष्ट होने के राज पूछते थे लेकिन वह पानीपूरीवाला अपना राज किसी के साथ साझा नही करता था।

और वह पानी पुरी वाला के बगल में और कई ठेले थे जो कि उसके ठेले पर इतने लोगों को आते देखकर अचंभित रहते थे, एक बार उनमें से एक ठेला वाला ने अपने एक काम करने वाले नौकर को उस पानीपुरी वाले के पास जाकर पानी पूरी खाने के लिए बोला और साथ में देखने के लिए भी की वह उसमें क्या-क्या डालता है।

लेकिन उस नौकर को कुछ भी समझ नहीं आता है तभी उस ठेले वाले के दिमाग में एक आईडी आता है, और वह उस ठेले पर काम करने वाले एक आदमी को अपने पास बुलाता है और उसके पानी पुरी के राज के बारे में पूछता है और उसके बदले में उसे कुछ पैसे देने की लालच देता है।
और वह आदमी पैसों की लालच में उसको सारी राज बता देता है, और फिर जबर ठेले वाले ने उस आदमी के बताए हुए सभी चीजों को अपने पानीपुरी में मिलाता है तो उसका पानी पूरी का स्वादिष्ट पहले से और बेकार हो जाता है और लोग वहां पानी पूरी खाने आते तो उसे के पानीपुरी को फेंक देते थे। तभी गुस्से में उस आदमी ने उस ठेले वाले आदमी को बुलाकर पीटना शुरू कर दिया तब ही उस पर से पानी पूरी ठेलेवाला का मालिक वहां आता है और उसे बचाने की कोशिश करता है। और फिर वहां पुलिस आती है और उसे पकड़ कर अपने थाने में ले जाती है।

और उसके बाद फिर उस प्रसिद्ध पानीपूरीवाला को अपने रिश्तेदार के किसी शादी में दूसरे जगह जाना था और वह वहां जाकर एक प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में पानी पूरी और कुछ खाना खाता है तभी वह वहां के पानी पूरी के स्वादिष्ट से संतुष्ट नहीं होता है और फिर जब वह पैसा पेमेंट करने जाता है तो उससे वहां पानीपुरी (Panipuri) के पैसे ज्यादा देने पड़ते हैं, और इसे देखकर उसके मन में लालच आ जाता है और फिर वह जब पानीपुरी के ठेले को खोलता है तो अपने पहले के दाम को दुगुना कर के लोगों को खिलाने लगता है।

लेकिन फिर भी लोग वहां पानी पूरी खाने के लिए पहले की तरह है भारी संख्या में आया करते हैं क्योंकि उन लोगों का उस पानीपूरीवाला के ऊपर विश्वास बन गया था।
लेकिन उसके मन में लालच होने के वजह से वह दिन प्रतिदिन अपने पानी पूरी के सामानों की क्वालिटी को खराब करते गया और अपने पानीपुरी को बनाने में रेडीमेड सामानों का उपयोग करने लगा जिससे उसका पानी पूरी का स्वाद धीरे-धीरे घटने लगा।

और फिर जब लोग उसके पानी पुरी के खाने आते तो उसे उसकी पानीपुरी का शिकायत करते लेकिन वह उन लोगों को वहां से यह कह कर भगा देता कि आपको खाना है तो खाएं नहीं तो यहां से चले जाओ। और फिर धीरे-धीरे इस तरह लोगों का उस पानीपूरीवाला के ऊपर से विश्वास घटता गया और 1 दिन ऐसा आया कि उस पानीपूरीवाला के दुकान पर कोई भी पानी पूरी खाने नहीं जाता था। और इस तरह उस पानीपूरीवाला के पैसों की लालच ने उसकी पूरी दुकान को डूबा दिया।

दुकानदार की चालाकी की कहानी

एक समय की बात है एक गांव में एक बहुत ही चलाक दुकानदार अपना दुकान किए हुए थे, और जब भी उसके दुकान में जब भी कोई समान खरीदने जाता था तो उसे एक सामान के बदले 2 सामान बेच देता था, और यह काम वह बहुत ही चला कि पूर्वक करता था, और यह उसका दिन प्रतिदिन का काम था।

तभी एक समय एक मुसाफिर उस गांव में घूमने के लिए गया था और उसे कोई सामान खरीदना था, तभी उसकी नजर उस दुकान पर पड़ता है, और वह वहाँ कोई जरूरी के सामान खरीदने के लिए जाता है और उसके पास पैसा बहुत ही कम होता है।

और तभी वह सामान उस दुकानदार से मांगता है, और समान दुकानदार उसको देता है तभी जब उस आदमी ने दुकानदार को 100 के नोट दिए। कभी दुकानदार ने कुछ पैसा रिटर्न करने के बजाय उससे खुला पैसा ना होने का बहाना बनाकर कुछ चॉकलेट और बिस्किट का पैकेट धरा देता है और सो रुपए के समान उस आदमी को दे देता है। इस तरह मजबूरी में उस आदमी को अपने पूरे पैसे का सामान खरीदना पड़ता है।

उसके बाद उस मुसाफिर के दिमाग में एक दिन ख्याल आता है कि वह फिर से कुछ सामान खरीदने के लिए उस दुकान में जाएगा और कुछ सामान खरीदने के बाद वह पुनः उस बिस्किट और चॉकलेट (Chocolate) को उस दुकान में दे देता और यह कह कर चला जाता है कि लो हमारे पास अभी छूटा पैसा नहीं है। और तभी दुकानदार उस पर चिल्लाने लगता है तो उसने उस दुकानदार को याद दिलाया कि आपने भी हमें या बहाना बनाकर एक समान की जगह दो सामान दे दिया था।

और जैसे ही उस मुसाफिर ने उस दुकानदार को या भात का वह दुकानदार अपने शर्म से मुंह नीचे कर लेता है और उसका चॉकलेट और बिस्किट पुण: अपने दुकान में पैसे की जगह रख लेता है और इस तरह उस दुकानदार की कई सालों की आदत को एक मुसाफिर ने दूर कर दिया।

निस्कर्ष

आशा करता हूं कि आपको शार्ट मोरल कहानियां (Short Moral stories in hindi) पढ़ने से कुछ प्रेरणा जरूर मिला होगा, बाकी आप ऐसे ही कहानियों को पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो कर सकते हैं।

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