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[800+word] प्रिय त्योहार होली पर निबंध | Nibandh on Holi in hindi

New Holi Essay in hindi : होली हिंदू धर्म और भारत देश का एक सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है, और यह प्रत्येक साल के फाल्गुन माह के पूर्णिमा को मनाया जाता ह,,और अंग्रेजी महीनों के अनुसार यह प्रत्येक वर्ष के मार्च महीने मे मनाया जाता है, होली के त्यौहार में हिंदू धर्म के लोग मंजीरा ढोलक मृदंग इत्यादि के साथ लेकर एक दूसरे को रंग बिरंगी कलर और अबीर गुलाल लगाते हैं।
और साथ में सभी घरों में उस दिन होली के शुभ अवसर पर पुआ पकवान इत्यादि बनाया जाता है जो कि लोग अबीर गुलाल खेलने के बाद अपने घर में नाश्ता के तौर पर खाते पीते हैं।

पूरे भारत में शहर से लेकर गांव तक इस दिन आपको सभी लोग अबिर गुलाल और रंग एक दूसरे को लगाते हुए नजर आते हैं, और जब भी कोई अनजान व्यक्ति भी उनके सामने आता है तो उन्हें हैप्पी होली (Happy Holi) कह कर अबीर गुलाल से रंग देते हैं।

होली की तैयारी

हमारे देश में होली की तैयारी विशेष तरह से किया जाता है जब भी होली के 8 से 10 दिन बचे हैं तो उससे पहले ही होली से संबंधित कई भोजपुरी और अन्य भाषाओं के गाने पूरे भारत की गाड़ियों और कई जगहों में होली गीत बजने लगता है जिससे कि पता चल जाता है कि होली बहुत नजदीक है। और होली गानों का भारतीय लोग खूब आनंद भी लेते हैं खास तौर पर भारत के बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोग इन होली में होली गीत खूब बजाते हैं।

वैसे तो होली की तैयारी 10 दिनों पहले से ही चलने लगती है लेकिन इसका मुख्य तैयारी होली (Holi Essay in hindi) के 1 दिन पहले से चलता है जब होलिका दहन (Holika Dahan) जलाना होता है। क्योंकि होलिका दहन के दिन सभी जगहों पर एक जगह लकड़ी खट्टा करके उसको जलाया जाता है, और फिर उस होलिका दहन के जले हुए रात को लोग अपने गले और माथे में लगाते हैं।
और फिर होलिका दहन के 1 दिन बाद होली के रंग का त्योहार मनाया जाता है, जिसमें कि लोग एक दूसरे को मिलकर खूब रंग और अबीर गुलाल लगाते हैं।

होली की विशेष तैयारी में उस दिन सबके घरों में अनेक तरह के बनाएं पकवान जाते हैं जिसमें पुआ, पूरी सेवाएं, गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुन आदि व्यंजन प्रमुख हैं।

और जो लोग कहीं अपनी जगह से दूसरी जगह कमाने के लिए गए होते हैं वह होली के तैयारी में अपने घर पर होली से लगभग में 2 से 3 दिन पहले ही आने की तैयारी अपने नौकरी को छोड़ कर करने लगते हैं, और ज्यादातर लोग होली के दिन घर आ जाते हैं, और खूब धूमधाम से वहां होली मनाने के बाद पुनः अपने काम पर लौटते हैं।

होली कैसे मनाई जाती है?

होली के दिन बड़ों से लेकर बच्चों तक खूब एक दूसरे को रंग और अबीर गुलाल लगाते हैं, और डीजे पर होली (Nibandh on holi in hindi) गानों को बजा कर पूरे मोहल्ला में खूब रंग लगाते हुए डांस करते हैं, इस दिन जाति भेदभाव अमीर गरीब इत्यादि को छोड़कर एक दूसरे के साथ मिलकर खूब गुलाल और रंग उड़ाते हैं और साथ में नाचते गाते हैं।

इस दिन खास तौर पर बच्चे खूब उत्साहित नजर आते हैं और वह बिना नाश्ता किए हुए सुबह से ही एक-दूसरे को रंग लगाते हुए नजर आने लगते हैं। इसके अलावा अगर होली के दिन उनको कोई अनजान व्यक्ति भी मिल जाता है तो वह उन्हें रंगों से रंग देते हैं और हैप्पी होली हैप्पी होली का कर चिल्लाने लगते हैं।

इसी तरह हर एक मोहल्ला और गली में जाकर वह पूरे दिन अबीर गुलाल और रंग एक दूसरे को लगाते और नाचते गाते रहते हैं, और जब शाम हो जाता है तो वह अपने घर पर जा कर नहा धवा कर पुआ पकवान का नाश्ता करते हैं।

होली क्यों मनाई जाती है, होली का इतिहास।

हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार क्रूर राक्षस हिरणकश्यप ने जब अपने ही पुत्र प्रह्लाद (Prahlada) को अपने बहन के द्वारा गोद में लेकर आग से जला देने की कोसिस की तो भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बजाता है और हिरणकश्यप के बहन होलिका उसी आग में जलकर भस्म हो जाती है जिसे देखकर नगर वासियों में खुशी की लहर दौड़ जाता है और उसी दिन से होलिका दहन (Holika Dahan) और होली मनाया जाने लगा है।

भारत देश में होली का इतिहास हजारों साल पुराना है और आज से कई 100 साल पहले भी होलिका दहन और होली हमारे भारत देश में हिंदुओं धर्मों के बीच में मनाया जाता था।

निष्कर्ष

आशा करता हूं कि आपको होली पर निबंध (Holi par Nibandh) पढ़ने के बाद इस त्यौहार से संबंधित सभी जानकारियां हासिल हो गया होगा, बाकी ऐसे हीं और निबंध से संबंधित जानकारी के लिए आप इस ब्लॉग को फॉलो करते रहें। धन्यवाद 🙏

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