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एडसेंस का कौन ads code ब्लॉग मे इस्तेमाल करें | Adsense Manual v/s Auto ads Review

Adsense Manual Ads v/s Auto Ads Review in Hindi 2022 : अगर आप भी अपने ब्लॉग मे एडसेंस के ads का उपयोग करना चाहते हैं, और अगर आप कंफ्यूज हैं की आखिरकार एडसेंस के कौन से ads code को अपने ब्लॉग मे उपयोग किया जाए। तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत उपयोगी हो सकता है, क्योंकि आज हम इस आर्टिकल मे एडसेंस के Manual Ads और Auto Ads मे बेसिक डिफरेंस के ऊपर डिस्कस करने वाले हैं और आपको बताने वाले हैं की आखिरकार कौन से ads कोड़ को आपको अपने ब्लॉग मे उपयोग करना चाहिए।

उससे पहले आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐडसेंस के दोनों ही ads code में कोई ज्यादा अंतर नहीं होता है, और ना ही कोई ज़्यदा आपकी ब्लॉग के एअर्निंग पर इफ़ेक्ट डालता है। लेकिन हां कुछ ना कुछ बेसिक अंतर जरुर होता है जिसे कि आपको जरूर जाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं।

Adsense के Manual adsऔर Auto ads मे कौन से ads code बेहतर है?

Adsense Manual ads : adsense के manual ads code को आपको अपने ब्लॉग मे खुद से जगह देख कर paste करना होता है। जैसे की अगर आप अपने ब्लॉग के header मे एडसेंस के ads दिखाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको manual एडसेंस मे ads code जनरेट करना होगा, और उस code को अपने ब्लॉग के header मे paste करना होगा। इस तरह आप एडसेंस के manual ads का उपयोग अपने ब्लॉग मे कर सकते हैं।

Note : Adsense Manual ads का उपयोग आपको अपने ब्लॉक में ऐसे स्थान पर करना चाहिए जहां कि आपको ऑटो ads का ads शो नहीं हो रहा हो, और जहाँ आपको लगता है की यहाँ एडसेंस के ads दिखना बहुत जरुरी है, उस स्थान पर आपको ऐडसेंस के मैनुअल एड्स को उपयोग करना चाहिए।

Adsense Manual ads का उपयोग करने के फायदे।

आप अपने हिसाब से एडसेंस के ads को अपने ब्लॉग पर शो कर सकते हैं।

जहाँ एडसेंस के auto ads का ads शो नहीं होता है वहाँ भी आप एडसेंस के manual ads को शो कर सकते हैं।

Adsense Manual ads के नुकसान

वहीं अगर Adsense Manual ads के नुकसान के बारे में बात किया जाए तो इसके निम्नलिखित नुकसान आपको झेलना पड़ता है।

सबसे पहला और बड़ा नुकसान है यह की आपको manual ads को मैन्युअली मॉनिटर करना होता है की किस ads code पर क्लिक आ रहे हैं, और कहाँ नही आ रहे हैं। और इस ads code को मॉनिटर करने के लिए आपको अपना बहुमूल्य समय एक्स्ट्रा देना होता है।

इसका ads code को आपको अपने ब्लॉग मे मैन्युअल जा करके paste करना होता है। और ज़ब आपका एडसेंस के ctr बढ़ जाता है तो ऐसी इस्तिथि मे आपको फिर मैन्युअली जाकरके ads code को हटाना पड़ता है। और इसको करने मे आपका बहुमूल्य समय का नुकसान होता है।

इस ads code का उपयोग करने से आपके ब्लॉग के ads क्वालिटी मे कोई ज़्यदा अंतर नहीं आता है, क्योंकि यह AI बेस्ड नहीं होता है।

Manual ads की एअर्निंग auto ads के अपेछा कम होता है। लेकिन एअर्निंग मे कोई ज़्यदा अंतर नहीं होता है।

Adsense Auto Ads : वहीं अगर आप अपने ब्लॉग में ऐडसेंस के ऑटो ads का उपयोग करना चाहते हैं तो इसका लिए ज़्यदा कुछ करने की जरूरत नहीं होता है, इसके लिए आपको अपने एडसेंस अकाउंट के ads वाले सेक्शन मे जाना होता है, और वहाँ से auto ads को ऑन कर देना होता है।
बस उसके बाद आपके ब्लॉग पर ऐडसेंस का ads शो  होना चालू हो जाता है। और इसका उपयोग करने से आपको आपके अपने ब्लॉग के ads को मैन्युअली मॉनिटर नहीं करना होता है।

Note : एडसेंस के auto ads की सबसे खास बात यह है की यह AI बेस्ड होता है जो की आपके ब्लॉग के यूजरस को अनालाइज़ करके एडसेंस के ads को शो करता है और आपकी एडसेंस की एअर्निंग को बढ़ाने मे मदद करता है।
और जैसे-जैसे ऐडसेंस के auto ads आपके ब्लॉग पर पुराना होता जाता है वैसे आपकी ब्लॉग के ads को बेहतरीन क्वालिटी वाला ads बनाते जाता है।

Adsense के auto ads को उपयोग करने के फायदे।

Auto ads को आप एक क्लिक करके बंद और चालू कर सकते हैं।

यह AI बेस्ड होता है जो की आपके ब्लॉग के यूजरस को अनालाइज़ करके एडसेंस के एड्स को प्लेसमेंट करता है।

जैसे जैसे auto ads आपके ब्लॉग पर पुराना होता जाता है वैसे वैसे आपकी एडसेंस एअर्निंग बढ़ते जाता है।

ज़ब आपके ब्लॉग पर adsense ctr बढ़ जाये तो आप केवल एक क्लिक मे अपने ads को बंद कर सकते हैं। जिससे की आपका एडसेंस दिसेब्लेंड होने से बच जाएगा।

Adsense Auto ads के नुकसान

वहीं अगर Adsense Auto ads के नुकसान के बारे मे बात किया जाए तो इसका ads उपयोग करने से आपको निम्नलिखित नुकसानों का सामना करना पड़ सकता है।

Adsense Auto ads उपयोग करने के सबसे बड़ा नुकसान यह है कि आपके ब्लॉग पर ads की मात्रा जरूरत से बहुत ज्यादा शो होने लगता है। जिससे आपकी एडसेंस की ctr बढ़ने का खतरा हमेसा रहता है।

Ads की मात्रा बढ़ने के कारण आपकी ब्लॉग के speed थोड़ा slow हो जाता है।

Manuals ads के अपेछा auto ads मे एडसेंस दिसब्लेंड होने का खतरा ज़्यदा होता है, अगर आप अपने एडसेंस के ctr मॉनिटर नहीं करते हैं।

इस तरह आप ऐडसेंस के मैनुअल ads और ऑटो एड्स में अंतर इसके नुकसान और फायदे को देख करके आसानी से कर सकते हैं कि आपको अपने ब्लॉग में आखिरकार किस ads का उपयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष –

आशा करता हूं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको एडसेंस के ads code को अपने ब्लॉग मे उपयोग करने मे बहुत मदद मिलेगा, और एडसेंस के दोनों ads code मे बेसिक अंतर क्या है यह भी समझ आ गया होगा। बाकी किसी और अन्य जानकारी के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करना ना भूलें। धन्यवाद 🙏🙏


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