Nalanda University Destruction- A great loss to humanity
History of Nalanda
Nalanda is one of Bihar’s most famous districts,It is situated 95 kilometers south-east from Patna, Nalanda is one of the important tourist places of Bihar, and here was the second oldest university in India, Nalanda University which was often Known as the early universities of India.
Today there is ruins in most parts of Nalanda, but the place is definitely worth finding, it is said that here many pilgrims came here and this place of glorification of the place brought Nalanda to existence, Jain Tirthankar, Mahavir spent 14 rainy season In Nalanda . And Gautam Buddha also had a lecture in Shariputra, one of his two main disciples in a common village named Paska, and the famous Chinese traveler, Hein Tsang, came here and stayed there for at least two years. Even I-Tsing, another famous Chinese passenger, stayed for nearly 10 years in Naulanda, and was the place’s glory.
Nalanda University Destruction- A great loss to humanity-
Nalanda University was an Ancient Center of Heigher education in Bihar, And After Takhsila was the Second oldest Unvercity.An Architectural Masterpiece Accommodating Over 10,000 Students more than 2000 Teachers.Attracted students From Around the world.China,Tibet,Korea,Japan,Srilanka,Thailand,Indonesia,Egypt,Greece And Many more.offered courses in many Disciplines,Science,Medicine,Astronomy,philosophy,Maths,Meditation,Shastras and many more.A seat of Knowledge,Wisdom and Philosophy and Womb of Buddhism.In 1193 muslim-turk invader bakhtiyar khalji invaded this great treasure of humanity and thousands of monks were killed.Hostels,lecture halls,Administration blocks all burned to ashesand Knowledge accomulated over the centuries in manuscripts were burned to ashes.Library was so huge that books and scripts kept on burning for more than 3 months,Smokes from the Burning of Manuscripts hung for many days,like a dark cloud over the low hills,An irrevokable loss to humankind,caused by humans in the name of religion and quest for power.What a great loss of humanity,caused by fanatics,you can build empire state,burj khalifa or taipei 101 or petronas but no one can build a nalanda,no one can return that glory back to life But remember what buddha said “No matter how hard the past you can always begin again”.
नालंदा का इतिहास
नालंदा बिहार के सबसे प्रसिद्ध जिलो मे से एक है,और पटना से करीब 95 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व स्थित है,नालंदा बिहार के एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल मे से एक है, और यहाँ हीं भारत का सबसे पुराना विश्वविद्यालय,नालन्दा विश्वविद्यालय है, जिन्हें अक्सर भारत की शुरुआती विश्वविद्यालयों के रूप में जाना जाता है।
आज नालंदा के अधिकांश हिस्सों में खंडहर है, लेकिन जगह निश्चित रूप से तलाशने लायक है,ऐसा कहा जाता है कि यहाँ पर बहुत सरे तीर्थंकार आये और इस जगह की महिमामनडन की इन्ही तीर्थंकार ने नालंदा को अस्तित्व मे लाया ,जैन तीर्थंकर, महावीर ने नालंदा में 14 बरसात का मौसम बिताया था। और गौतम बुद्ध ने भी पासका नाम के एक आम गांव में अपने दो मुख्य शिष्यों में से एक शारिपुत्र में व्याख्यान दिया था,और प्रसिद्ध चीनी यात्री हेन त्सांग, यहां आए थे और यहां कम से कम दो साल तक रहे थे। यहां तक कि, I-tsing एक और प्रसिद्ध चीनी यात्री नौलंदा में करीब 10 साल तक रहे, और इस जगह की महिमा थी।
नालंदा विश्वविद्यालय विनाश- मानवता के लिए एक बड़ा नुकसान-
नालंदा विश्वविद्यालय बिहार में उच्च शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र था, और तक्षशिला के बाद दूसरा सबसे पुराना यूनिवर्सिटी था। यहाँ 2000 से अधिक शिक्षक और 10,000 से अधिक विद्यार्थी थे । दुनिया भर से छात्र यहाँ आते थे जैसे -चीन, तिब्बत, कोरिया, जापान, श्रीलंका, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मिस्र, ग्रीस और भी कइ अन्य जगह से । यहाँ विज्ञान, चिकित्सा, खगोल विज्ञान, दर्शन, गणित, ध्यान, शास्त्रों और कई अन्य शास्त्रों की शिक्षा प्रदान किए जाते थे । सन 1193 में मुस्लिम -तुर्क हमलावर बख्तियार खल्जी ने मानवता के इस महान खजाने पर हमला किया और हजारों भिक्षुओं को मार डाला गया। हॉस्टल, व्याख्यान कक्ष, प्रशासन सभी को राख में जला दिया गया और पांडुलिपियों में सदियों से जुड़े ज्ञान को राख में जला दिया गया। पुस्तकालय इतनी बड़ी थी कि पुस्तकें और लिपियां तीन महीनों से भी अधिक समय तक जलाए जाने पर, पांडुलिपियों की जलन से कई दिनों के लिए पहाड़ियों पर एक काले बादल छा गए थे ।
Famous Place of Nalanda,Bihar
1.Griddhakuta Peak(ग्रील्डकुटा पीक)
2.Nalanda Archaeological Museum(नालंदा आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम )
3.Rajgir Dance Festival ( राजगीर डांस फेस्टिवल )
4.Xuanzang Memorial Hall(क्सुंन्ज़ंग मेमोरियल हॉल )
5.Silao(सिलाओ )
6.Nalanda Multimedia Museum(नालंदा मल्टीमीडिया म्यूजियम )
7.Surajpur Baragaon(सूरजपुर बरगांव )